सात भारतीय कंपनियों ( सुजलॉन एनर्जी, भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स, टाटा केमिकल्स, एक्साइड इंडस्ट्रीज, आईडीएफसी, थर्मैक्स और हैवेल्स इंडिया ) को अगस्त 2017 में क्लीन 200 रिपोर्ट में शामिल किया गया था। यह ब्लूमबर्ग न्यू एनर्जी फाइनेंस (बीएनईएफ) द्वारा मूल्यांकन के अनुसार स्वच्छ ऊर्जा राजस्व के आधार पर दुनिया भर में सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध सबसे बड़ी कंपनियों को स्थान प्रदान करता है।

इस सूची में 30 से अधिक देशों की कंपनियां हैं, जो प्रति वर्ष स्वच्छ ऊर्जा राजस्व में 353 बिलियन डॉलर से अधिक का उत्पादन करती हैं।

सात कंपनियों के साथ भारत को पांचवां स्थान प्राप्त हुआ है। 68 कंपनियों के साथ चीन सबसे ऊपर रहा है। 34 कंपनियों के साथ अमेरिका दूसरे और 20 कंपनियों के साथ जापान तीसरे स्थान पर रहे हैं।

क्लीन 200 कंपनियों के आधार पर देशों का स्थान

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नोट: पात्र होने के लिए, एक कंपनी का बाजार पूंजीकरण 1 बिलियन डॉलर ( Q32017 के अंत में ) से अधिक होना चाहिए और अक्षय ऊर्जा, ऊर्जा स्मार्ट प्रौद्योगिकियों, कार्बन कैप्चर और स्टोरेज (सीसीएस), और कार्बन मार्केट जैसे नए ऊर्जा स्रोतों से कुल राजस्व का 10 फीसदी से अधिक कमाते हैं।

Source:Clean200

(पाटिल विश्लेषक हैं और इंडियास्पेंड के साथ जुड़ी हैं।)

यह लेख मूलत: अंग्रेजी में 20 अगस्त 2017 को indiaspend.com पर प्रकाशित हुआ है।

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