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हाल ही में मध्यप्रदेश के झाबुआ ज़िले में पेटलावड़ शहर के एक रेस्तरां में एक विस्फोट में कम से कम 89 लोगों की मौत हो गई है। यदि आंकड़ों की बात करें तो वर्ष 2010 से 2014 के बीच अग्नि दुर्घटनाओं से होने वाली मौत की संख्या 113,963 दर्ज की गई है।

इन आंकड़ों से स्पष्ट होता है कि हर रोज़ 54 लोगों की मौत होती है लेकिन अग्नि दुर्घटनाओं से होने वाली चोटों और मौतों की संख्या में लगातार गिरावट हो रही है। रायटरस की रिपोर्ट के अनुसार, स्थानीय व्यापारी राजेंद्र कसवा के एक गोदाम में अवैध रूप से संग्रहित जिलेटिन की छड़ें और अन्य विस्फोटक के आकस्मिक विस्फोट ही मध्यप्रदेश में हुए इस बड़े हादसे का कराण थी।

अग्नि सुरक्षा मामले में मध्यप्रदेश का स्थान नीचे से दूसरे स्थान पर है। राष्ट्रीय अपराध ब्यूरो रिकॉर्ड के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2014 में 2,291 अग्नि संबंधित घटनाएं हुई हैं जिसमें 2,305 लोगों की जान गई है।

इंडियास्पेंड ने पहले ही अपनी खास रिपोर्ट में बताया है कि भारत में होने वाली सभी अप्राकृतिक मौतों में से 6 फीसदी मौत अग्नि हादसे के कारण होती है जो कि कार दुर्घटनाएं ( 53 फीसदी ) एवं पानी में डूब कर मरने ( 9 फीसदी ) के बाद तीसरे स्थान पर है।

अग्नि दुर्घटनाएं , चोट और मौत

पिछले पांच वर्षों में कम से कम 121,325 हुए अग्नि हादसों में 13,721 लोग घायल हुए हैं।

मरने वालों की संख्या, घायलों से आठ गुना अधिक है और यह अग्नि हादसे से उत्पन्न खतरे का प्रमाण है।

हालांकि अग्नि हादसे, मौत एवं घायलों की संख्या में गिरावट दर्ज की गई है। वर्ष 2010 से 2014 के बीच अग्नि हादसों में पांचवे भाग, घायलों एवं मौत की संख्या में 40 फीसदी एवं 25 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।

रसोई गैस सिलेंडर और खाना पकाने वाले स्टोव हैं खतरनाक

अग्नि हादसों में हुई कुल मौतों का लगभग छठे हिस्से के लिए रसोई गैस सिलेंडर और स्टोव विस्फोट ज़िम्मेदार है। यदि आंकड़ों पर नज़र डालें तो वर्ष 2010 से 2014 के बीच रसोई गैस सिलेंडर एवं स्टोव विस्फोट से 19,491 लोगों की मौत हुई है।

इसी अवधी के दौरान बिजली की शॉर्ट सर्किट से 7,743 लोगों की जान गई है।

अग्नि हादसों से होने वाली मौतों के प्रमुख कारण

वर्ष 2014 में हुई अग्नि हादसों में से पांचवा हिस्सा आवासीय भवनों में हुए थे जिसमें करीब 3794 लोग मारे गए और 139 घायल हुए हैं।

अग्नि दुर्घटनाएं , घायलों और मौत के घटना की जगह ( कारण से वर्गीकृत) , 2014

अग्नि सुरक्षा मामले में महाराष्ट्र की स्थिति भी ठीक नहीं है। राज्य में होने वाली अग्नि दुर्घटनाओं एवं मौत की संख्या अधिक है। वर्ष 2014 में कुल अग्नी दुर्घटनाओं में से एक चौथाई घटनाएं एवं कुल मौत में से पांचवा हिस्सा महाराष्ट्र में हुई है। यह आंकड़े मध्यप्रदेस में हुई अग्नि हादसों से दो गुना एवं घटनाओं में हुई मौत से 70 फीसदी अधिक है।

टॉप पांच राज्यों में अग्नि दुर्घटनाओं से होनी वाले मौत के आंकड़े

सेठी इंडियास्पेंड के साथ एक नीति विश्लेषक है

यह लेख मूलत: 24 सितंबर को अंग्रेज़ी में indiaspend.com पर प्रकाशित हुआ है।

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