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लखनऊ,उत्तर प्रदेश में विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर एक अस्पताल के बाल चिकित्सा वार्ड में सोते हुए नवजात शिशु। भारत में औसत उम्र के आंकड़ों में वृद्धि हुई है। 2001 में औसत उम्र 22.51 वर्ष थी जबकि 2011 में यह बढ़ कर 24 वर्ष हुआ है और यह अनुमान है कि 2050 में यह उम्र बढ़ कर 37 साल तक होगी – यह चीन की तुलना में कम है जिसकी औसत उम्र 46 वर्ष होगी लेकिन पाकिस्तान से अधिक है जिसकी औसत उम्र 30.9 है।

भारत में उत्तर प्रदेश और बिहार की आबादी में सबसे कम औसत उम्र के लोग – या युवा आबादी – हैं जबकि केरल और तमिलनाडु में सबसे अधिक औसत उम्र के लोग हैं। यह जानकारी बेंगलुरू स्थित थिंक टैंक तक्षशिला संस्थान द्वारा संकलित 2011 की जनगणना के आंकड़ों में सामने आई है।

औसत उम्र वह उम्र होती है जो आबादी को दो बराबर हिस्सों में बांटती है यानि कि औसत उम्र से अधिक आयु वाले लोगों की संख्या उतनी ही है जितनी कि कम आयु वाले लोगों की संख्या है। कम औसत उम्र का अर्थ हुआ कि देश की आबादी में बुज़ुर्गों की संख्या से अधिक युवा लोगों की संख्या है।

जनसंख्या के आंकड़ों के अनुसार, भारत में औसत उम्र 2001 में 22.51 से बढ़ कर 2011 में 24 वर्ष हुई है। 2050 में भारत की आबादी की औसत उम्र 37 वर्ष होगी। संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार यह आंकड़ा चीन से कम है जिसकी औसत उम्र 46 वर्ष होगी लेकिन पाकिस्तान से अधिक होगी जिसकी औसत उम्र 30.9 होगी।

भारत के भीतर व्यापक भिन्नता है: केरल की 31 वर्ष की औसत उम्र अर्जेंटीना के औसत उम्र (30.8) के करीब है, और उत्तर प्रदेश की 20 की औसत उम्र केन्या (18.9) के समान है।

देश अनुसार आबादी की औसत उम्र

मोटे तौर पर औसत उम्र भारत में राज्य के भीतर विकास के स्तर के साथ जोड़ा जाता है। प्रति व्यक्ति उच्च आय के साथ वाले दक्षिणी राज्य जैसे कि आंध्र प्रदेश (27), तमिलनाडु (29), कर्नाटक (26) और केरल (31) और और महाराष्ट्र (26) और गुजरात के पश्चिमी राज्यों (25) में उच्च औसत उम्र है।

उत्तर में उत्तर प्रदेश (20), बिहार (20), झारखंड (22), मध्य प्रदेश (23) और राजस्थान (22) सहित कम विकसित राज्यों में की औसत उम्र कम है।

भारत में केरल की औसत उम्र सबसे अधिक

2026 में उत्तर प्रदेश (26.85), मध्य प्रदेश (28.83), बिहार (29.05) और राजस्थान (29.51) में कम औसत उम्र होना जारी रहेगा जबकि केरल (37.67) और तमिलनाडु (37.29) में उच्च औसत उम्र होने की संभावना रहेगी।

आर्थिक और राजनीतिक साप्ताहिक द्वारा प्रकाशित 2003 के एक अध्ययन के अनुसार, अगली सदी के दौरान भारत में 60 फीसदी जनसंख्या वृद्धि मध्य प्रदेश, बिहार, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के चार राज्यों से होगी जबकि केवल 22 फीसदी केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र से होगी।

एशिया और पैसिफिक पॉलिसी स्टडीज द्वारा 2013 के एक अध्ययन के अनुसार, युवा आबादी भारत की कामकाजी उम्र की आबादी बनाएगी और भारत को छोटे कामकाजी उम्र की आबादी के साथ वाले देशों की तुलना में फायदा पहुंचाएगी। लेकिन उत्पादकता इस बात पर निर्भर करती है कि राज्य किस प्रकार स्वास्थ्य और शिक्षा के स्तर में सुधार और रोजगार के अवसर प्रदान कर सकता है।

2011 में, बिहार की साक्षरता दर 63.82 फीसदी थी जो तमिलनाडु की 80.33 फीसदी की साक्षरता दर की तुलना में काफी कम था।

44 के आंकड़े के साथ बिहार का शिशु मृत्यु दर (प्रति 1000 जीवित जन्मों शिशु मौतों की संख्या) भी उच्च था। गौर हो कि तमिलनाडु का शिशु मृत्यु दर 22 दर्ज किया गया था।

2026 में उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश में होगी युवा आबादी

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Source: National Commission on Population, May 2006

(शाह इंडियास्पेंड के साथ रिपोर्टर / संपादक हैं)

यह लेख मूलत: अंग्रेज़ी में 26 सितंबर 2016 को indisaspend.com पर प्रकाशित हुआ है।

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