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जनवरी 2013 में गणतंत्र दिवस परेड के लिए ड्रेस रिहर्सल में अग्नि V मिसाइल। ऊरी में सेना चौकी पर हुए एक आतंकवादी हमले (जिसमें 18 भारतीय सैनिकों की जान गई) के बाद भारतीय सेना इस सशस्त्र विकल्प पर विचार और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के सांसद परमाणु हमले की वकालत कर रहे हैं, और यह हमें 2007 में तीन अमेरिकी विश्वविद्यालयों के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए अनुमानित परमाणु युद्ध की लागत की याद दिलाते हैं।

100 परमाणु हथियार, (प्रत्येक 15 किलोटन हिरोशिमा बम के बराबर है) का उपयोग करते हुए यदि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध होता है तो 21 मिलियन लोग सीधे रुप से मारे जाएंगे, करीब आधी दुनिया की सुरक्षात्मक ओजोन परत नष्ट हो जाएगी और पूरी दुनिया में मानसून और कृषि पर "परमाणु सर्दी" का प्रभाव पड़ेगा।

भारतीय सेना इस सशस्त्र विकल्प पर विचार कर रही है और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के सांसद परमाणु हमले की वकालत कर रहे हैं। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री भी बदले में भारत का 'सफाया' करने की धमकी दे रहे हैं। ऐसी स्थिति में 2007 में तीन अमेरिकी विश्वविद्यालयों के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए यह अनुमान परमाणु युद्ध की कीमत की याद दिलाते हैं।

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Visualisation by nucleardarkness.org based on study by researchers from Rutgers University, University of Colorado-Boulder and University of California, Los Angeles

भाजपा के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने 23 सितंबर, 2016 को कहा कि यदि 100 मिलियन भारतीय एक पाकिस्तानी परमाणु हमले में मारे गए तो भारत जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान नष्ट कर देगा।

लेकिन असली कीमत इससे अधिक होगी और इसका प्रभाव केवल भारत पाकिस्तान पर ही नहीं होगा जहां 21 मिलियन लोगों का (द्वितीय विश्व युद्ध में मरने वालों की आधी संख्या) विस्फोट प्रभाव, जलन और तीव्र विकिरण से पहले सप्ताह के भीतर नाश होने की संभावना है। यह जानकारी रटगर्स यूनिवर्सिटी, यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो-बोल्डर, यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, लॉस एंजिल्स द्वारा 2007 में किए गए अध्ययन में सामने आई है।

दक्षिण एशिया टेररिज्म पोर्टल डेटा पर इंडियास्पेंड द्वारा की गई विश्लेषण के मुताबिक इसमें मरने वालों की संख्या, पिछले नौ वर्षों से 2015 के दौरान भारत में आंतकवादी हमलों में मरने वाले नागरिकों और सुरक्षाकर्मियों की तुलना में 2,221 गुना अधिक होगी।

साथ ही उपमहाद्वीप में परमाणु हथियार का उपयोग करने से जलवायु प्रभाव के कारण दुनिया भर में दो बिलियन अन्य लोगों को गंभीर भुखमरी के जोखिम का सामना करना होगा। यह जानकारी इंटरनेश्नल फिजिशियन फॉर द प्रिवेंशन ऑफ न्यूक्लियर वॉर, एक वैश्विक महासंघ, द्वारा की गई 2013 के आकलन में सामने आई है।

बुलेटिन ऑफ द ऐटॉमिक साइंटिस्ट्स के इस रिपोर्ट के अनुसार, 2015 तक, पाकिस्तान के पास अनुमानित तौर पर 110 से 130 परमाणु हथियार है, जोकि 2011 के 90 हथियार के अनुमान से बढ़ कर 110 हुआ है। भारत के पास 110 से 120 परमाणु हथियार होने का अनुमान है।

हाल ही में ऊरी में सेना चौकी पर आतंकवादी हमले हुआ था जिसमें 18 सेनाकर्मियों की जान गई है। इस हमले के बाद ही युद्ध की बात शुरु हुई है। भारतीय सेना ने कहा है कि हमला, पाकिस्तान में स्थित जैश-ए-मोहम्मद के समूह के चार आतंकवादियों द्वारा किया गया था।

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा एम आसिफ ने भारत को धमकी दी है। आसिफ कहते हैं, “यदि पाकिस्तान की सुरक्षा क हानि पहुंचती है तो हम सामरिक (परमाणु) हथियार का उपयोग करने में संकोच नहीं करेंगे।”

पाकिस्तान के परमाणु हथियारों की क्षमता ने भारत को पिछले हमलों का जवाब देने से रोका है।

द वायर में विश्लेषक मनोज जोशी लिखते हैं, “अंतत: भारत को यह सुनिश्चित करना होगा कि जिन विकल्पों का यह उपयोग करता है – विशेष रुप से सैन्य संबंधी – उनका हताहतों की संख्या और लागत के मामले में पहले से बद्तर न हो।”

इससे अधिक फर्क नहीं पड़ता कि भारत के पास पाकिस्तान की तुलना में कम परमाणु हथियार है, जैस कि इंडियास्पेंड ने अप्रैल 2015 में बताया है, और इसका मुख्य कारण "परस्पर सुनिश्चित विनाश " के सिद्धांत या एमएडी है (भारत के परमाणु हथियार कार्यक्रम के संबंध में अधिक जानने के लिए इंडियास्पेंड की इस रिपोर्ट को देखें)।

पाकिस्तान की 66 फीसदी परमाणु हथियार, बैलिस्टिक मिसाइलों पर

बुलेटिन ऑफ द ऐटॉमिक साइंटिस्ट्स के अनुमान के अनुसार, पकिस्तान के परमाणु हथियार का कम से कम 66 फीसदी 86 भूमि आधारित बैलिस्टिक मिसाइलों पर जड़ा हुआ है।

पाकिस्तान की हत्फ (पैगंबर मुहम्मद के नाम पर) बैलिस्टिक मिसाइलों की श्रृंखला, भारत को नज़र में रखते हुए विकसित किया गया (अब भी विकसित किया जा रहा है)।

समीर पाटिल, नेश्नल सेक्यूरीटी, एथनिक कन्फ्लिक्ट एंड टेररिज़म एट गेटवे हाऊस, मुंबई स्थित एक संस्था में फेलो, कहते हैं पाकिस्तान के मध्यम दूरी की परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल (एमआरबीएम) द्वारा किए गए बड़े हमले से भारत के चार प्रमुख महानगरों (नई दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरू और चेन्नई) को लक्ष्य बनाने की संभावना है।

पटिल ने इंडियास्पेंड को बताया कि एमआरबीएम के लक्ष्य "भारतीय सेना के प्रमुख कमांडेंट भी होंगे।

पाकिस्तान के लगभग आधे (40) बैलिस्टिक मिसाइल हथियार गौरी एमआरबीएम (12 वीं सदी के अफगान राजा शाहबुद्दीन गौरी, जिन्हें गौरी मुहम्मद के रूप में भी जाना जाता है, उनके नाम पर रखा गया है) से जुड़े हो सकते हैं। नेश्नल इंसट्टयूट ऑफ एडवांस्ड स्टडीज बेंगलुरु द्वारा पाकिस्तान के बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम पर 2006 की इस रिपोर्ट के अनुसार, मिसाइल की 1,300 किलोमीटर की क्षमता का दावा किया गया है और दिल्ली, जयपुर, अहमदाबाद, मुंबई, पुणे, नागपुर, भोपाल और लखनऊ को निशाना बना सकते हैं।

पाकिस्तान के पास अनुमनित तौर पर आठ हथियार है जो शाहीन (फाल्कन) द्वितीय से जुड़ा हो सकता है। एमआरबीएम की क्षमता 2,500 किलोमीटर है और पूर्वी तट पर कोलकाता के सहित ज्यादातर प्रमुख भारतीय शहरों को लक्षित कर सकते हैं।

पाकिस्तान के परमाणु शस्त्रागार

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Source: Pakistani Nuclear Forces, 2015; Bulletin of the Atomic Scientists

एक अनुमान के अनुसार कम दूरी वाले गजनवी बैलिस्टिक मिसाइल (11 वीं सदी के अफगान आक्रमणकारी महमूद गजनी के नाम पर रखा गया है) 16 हथियार छोड़े जा सकते हैं। 270 किमी से 270 किमी की क्षमता के साथ, यह लुधियाना, अहमदाबाद और दिल्ली के बाहरी परिधि लक्षित कर सकते हैं।

एक अनुमान के अनुसार, पाकिस्तन के पास 16 परमाणु-सिरे के शाहिन (फाल्कन), कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल (आईआरबीएम) हैं। 750 किलोमीटर की क्षमता के साथ यह लुधियाना, दिल्ली, जयपुर और अहमदाबाद तक पहुंच सकता है।

पाकिस्तान के पास अनुमानित तौर पर छह 60 किलोमीटर रेंज के नस्र मिसाइलें हैं जिन्हें परमाणु हथियारों से जोड़ा जा सकता है। पाटिल कहते हैं कि ये सामरिक परमाणु मिसाइलें भारतीय सेना की लड़ाई संरचनाओं को लक्षित कर सकते हैं। यह वे मिलाइलें वे हो सकती हैं जिनकी बात आसिफ कर रहे हैं।

पाकिस्तान के पास, परमाणु हथियार के साथ आठ परमाणु-सिरे वाले, 350 किलोमीटर की क्षमता वाले बाबर क्रूज मिसाइल हैं।

एक अनुमान के अनुसार 36 परमाणु हथियार का, जिनकी पाकिस्तान के कुल में 28 फीसदी की हिस्सेदारी है, विमान का उपयोग कर छोड़ा जा सकता है। अमेरिका निर्मित एफ -16 ए / बी विमान 24 परमाणु बम छोड़ सकते हैं जबकि फ्रांस द्वारा बनाया गया मिराज III /V 12 बम छोड़ सकते हैं।

भारत के त्रिमूर्ति: पनडुब्बी, मिसाइल और विमान

बुलेटिन ऑफ द ऐटॉमिक साइंटिस्ट्स के अनुसार, भारत ने 56 पृथ्वी और अग्नि सतह से सतह बैलिस्टिक मिसाइलें तैनात की हैं जो भारत के अनुमानित 106 हथियार का 53 फीसदी है।

इस खाते में के-15 सागरिका पनडुब्बी बैलिस्टिक मिसाइलों के लिए अनुमानित 12 हथियार (SLBMs) शामिल नहीं है जिसे भारत ने संभवतः परमाणु संचालित बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत के लिए बनाया है।

एक बार मान्यता प्राप्त होने पर, अरिहंत भारत को एक सामरिक परमाणु त्रय और प्रहार की क्षमता प्रदान करेगा, जैसा कि इंडियास्पेंड ने जुलाई 2015 की इस रिपोर्ट में बताया है।

पाटिल कहते हं कि, "पाकिस्तान के छोटे भौगोलिक आकार को देखते हुए भारत संभवत: इस्लामाबाद, रावलपिंडी, लाहौर और कराची और नौशेरा में पाकिस्तानी सेना के सशस्त्र वाहिनी मुख्यालय को लक्ष्य बना सकता है।"

हालांकि, उन्होंने आगाह किया: "उद्हारण के लिए, लाहौर और कराची पर परमाणु हमलों का नतीजा केवल पाकिस्तानी क्षेत्र तक ही सीमित नहीं रहेगा और भारतीय और अफगान सीमा प्रदेशों को प्रभावित कर सकते हैं।"

भारत के परमाणु शस्त्रागार (अनुमान)

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Source: Indian Nuclear Forces, 2015; Bulletin of Atomic Scientists

मई 2015 की इंडियास्पेंड की इस विश्लेषण के अनुसार, 250 किलोमीटर की क्षमता वाले पृथ्वी SRBM भारत के 24 हथियार के लिए प्रतिपादन प्रणाली के रूप में कार्य कर सकता है। यह लाहौर, सियालकोट, राजधानी इस्लामाबाद और रावलपिंडी जैसे प्रमुख पाकिस्तान शहरों को लक्षित करने में सक्षम है।

भारत के पास 700 किमी और 2,000 किमी की रेंज के साथ, 20 परमाणु सिरे वाले अग्नि I SRBM और आठ अग्नि द्वितीय मध्यवर्ती रेंज बैलिस्टिक मिसाइल (IRBMs) है। यह लाहौर, इस्लामाबाद, रावलपिंडी, मुल्तान, पेशावर, कराची, क्वेटा और ग्वादर सहित लगभग सभी पाकिस्तानी शहरों को कवर करने में सक्षम हैं।

अपनी लंबी रेंज के साथ अग्नि तृतीय, चतुर्थ और पंचम, पूरे पाकिस्तान तक पहुंचने में सक्षम हो सकते हैं लेकिन यह सुरक्षित रूप से कहा जा सकता है कि वे चीन की ओर अधिक निर्देशित हैं।

अनुमान के अनुसार, भारत के पास 350 किलोमीटर रेंज की दो जहाज धनुष एसआरबीएम, है जो परमाणु हथियार के साथ फिट किया जा सकता है।

भारत के विमान,एक अनुमान के अनुसार, 106 हथियारों में से 45 फीसदी छोड़ सकते हैं। भारतीय वायुसेना के जगुआर लड़ाकू बमवर्षक करीब 16 परमाणु हथियार छोड़ सकते हैं जबकि फ्रांस में निर्मित मिराज-2000 से 32 छोड़े जा सकते हैं।

(सेठी मुंबई स्थित एक स्वतंत्र लेखक और रक्षा विश्लेषक है।)

यह लेख मूलत: अंग्रेज़ी में 29 सितम्बर 2016 को indiaspend.com पर प्रकाशित हुआ है।

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