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एक कुदरती चट्टानी पाताल गुफा भारत के पूर्वी समुद्री तटीय इलाके के निकट विशाखापट्टनम बन्दरगाह में आयातित क्रूडपेट्रो ऑइल को आपातकाल में रिजर्व भंडार के लिए निर्माणाधीन तेल भंडार गुफाएँ |

Image Credit: Indian Strategic Petroleum Reserves Ltd

विशाखापट्टनम के पूर्वी समुद्री तट पर दो विशालकाय चट्टानी पाताल गुफाएँ जिनमें भारत का आपातकालीन रिजर्व आयातित पेट्रो क्रूड (ऑइल ) भरे जाने की प्रक्रिया में |

जुलाई वर्ष 2014 से विश्व में कच्चे तेल की कीमतों में 42.5% की कमी होने के कारण और भारत में किसी प्रकार की भविष्य में आपातकालीन कच्चे तेल आयात व्यवस्था में अचानक अड़चन से निपटने के लिए कूटनीतिक तौर पर कच्चे तेल के विशाल भंडार को रिजर्व करने के लिए 4,948 करोड़ रूपय ($ 800 मिल्यन ) की महत्वाकांशी योजना बनाकर निर्माण शुरू कर दिया है |

आयतित कच्चे तेल को भंडारित करने के लिए नई तेल भंडार नीति का श्र्जन वर्ष 2006 में किया गया था | जिसमें प्रमुख बिन्दु

  • कुदरती गुफाओं के अलावा कुछ विशाल कंक्रीट टेंक्स का निर्माण विशाखापट्टनम के पूर्वी तटीय इलाकों में किया जा रहा | दोनो तरह के तेल भंडार गृह लगभग 1.33 मिल्यन मीट्रिक टन – जो 1,29,221 ट्रक टैंकर लोड के बराबर होंगे – को भंडारित कर सुरक्षित रखने की क्षमता रखते है|
  • उपरोक्त दोनों विशाखापट्टनम अंडरग्राउंड भंडारों के बनने के पश्चात जो शेष धन बचेगा उसका इस्तेमाल दो और जगह मैंगलोर और पाडुर में निर्मित करने में निवेशित किए जाएगे, ये कर्नाटक के पश्चिमी तटों में सुरक्षित तेल के भंडार होंगे |

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उपरोक्त फोटोग्राफ में बहुत से विशाल पाइपों का समूह जमीन स्तर पर दिख रहा है (उपर) और यही पाइपों के कालम अंडरग्राउंड गुफाओं / कंक्रीट स्टोरेज टैंक्स में नीचे जा रहे है (नीचे) | कच्चे तेल को इन्ही उपर तलीय विशाल पाइपों के जरिये नीचे टैंको में डाला जावेगा |
Image Credit: Indian Strategic Petroleum Reserves Ltd

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इंडिया स्ट्रातेगिक पैट्रोलियम रेसेर्वेस लिमिटेड के आधीन काम करने वाली उपरोक्त तीन तेल भंडार योजनाएँ लगभग 5.33 mmt तेल भंडारण करने की क्षमता रखती है – जो की 5,17,857 ट्रक तेल टैंकर लोड का भंडारण कर सकते है | एक ट्रक लोड 12 किलोलिटर कच्चे तेल की क्षमता रखता है |

उपरोक्त अंडरग्राउंड सुरक्षित तेल भंडार – घर भारत की किसी आपात स्थिति में 13 दिन तक भारत के तेल खर्च को पूरा करने में सक्षम है | उक्त अनुमान भारत द्वारा आयात किए जाने वाले मात्रा के उपर आधारित है , ऐसा राज्यसभा में पेश हुए आंकड़ें में कहा गया है|

LocationApproved Cost of Construction (in Rs crore)Capacity (MMT)Anticipated Completion Date
Vishakapatnam10381.33Completed
Mangalore12271.5Oct-2015
Padur16932.5Oct-2015

Source: Indian Strategic Petroleum Reserves Limited

क्यों है भारत को आपातकालीन तेल भंडार की जरूरत

वर्ष 2014-15 में भारत अपने कुल पेट्रोलियम खपत का लगभग 83% , कुल 228 .4 mmt में से तेल उत्पादक देशों से आयात करेगा – ये तथ्य तेल और प्रकृतिक गैस मंत्रालय की प्रकाशित रिपोर्ट में दिये गए आंकड़ों से पता चला है |

गत 5 वर्षो में भारत ने अपनी वास्तविक तेल खपत का लगभग 80% कच्चे तेल का आयात बाहरी तेल उत्पादक देशों से किया है |

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Source: Ministry of Petroleum and Natural Gas; Figures in Million Metric Tonne; Note: *Estimated

वर्तमान मोदी सरकार द्वारा स्थापित नए niti – आयोग के पूर्व कार्यरत पलानिंग कमिशन ने वर्ष 2006 में एक एकीकृत ऊर्जा नीति की घोषणा किया था – जिसमें कहा की भारत के ऊर्जा क्षेत्रों में तीन तरह के आपद संकट कभी भी हो सकते है , जो सप्लाइ बाजार और तकनीकी खतरों से सम्बंध रखते हैं तद - सम्बंध में पुराने प्लानिंग कमिशन ने यह सलाह सरकार को दिया कि वह लगभग किसी आकस्मिक स्थिति से नपटने ले लिए 90 दिनों का सामरिक / कूटनीतिक बफ्फर स्टॉक का भंडारण करे |

भारत की बढ़ती तेल खपत को ध्यान में रखते हुए यह कहा जा सकता है कि वर्ष 2019-20 तक उसका 13,32 mmt कच्चे तेल के भंडारण की व्यवस्था करनी पड़ेगी – यह आज कि वर्तमान तेल कंपनियों कि स्टोरेज क्षमता और ISPRIL के द्वारा जो नए भंडार गृह बनाए जा रहे है उनकी क्षमताओं को ध्यान में रखकर किया जा रहा है |

उपरोक्त पूर्व अनुमानित रिजर्व तेल भंडार घरों की आवशकता को देखते हुए – भारत सरकार ने 4 सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण भंडार गृह के निर्माण का प्लान किया है – ये स्थान है , चंडीकोल (उड़ीसा ), बीकानेर , राजकोट और पडुर – ISPRL के आंकड़ों के अनुसार उक्त चारों भंडार घरों की संयुक्त कच्चा तेल भंडरण क्षमता लगभग 12.5 mmt होगी |

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Source: Indian Strategic Petroleum Reserves Limited; Figures in Million Metric Tonnes

कच्चे तेल (पेट्रोलियम) के भंडारण के क्षेत्र में अभी भारत का प्रवेश / अन्य विदेशी देश बहुत

अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा संगठन ( इंटरनेशनल एनर्जी असोशिएशन: asae ) ने सामरिक कारणों से कच्चा तेल भंडारण के नियम सदस्य देशों के लिए – 90 दिन में जितना तेल आयात होता है – उतने mmt का रिजर्व प्रत्येक सदस्य देश को बनाए रखना है|

USA इस तरह के सामरिक महत्व के तेल रिजर्व भंडारण के क्षेत्र में विश्व में सबसे आगे है |

भारत की तरह ही जापान भी बहुत ज्यादा कच्चे पेट्रोलियम तेल का आयात करता है – जो की लगभग 44 mmt मिल्यन लिटर होता है | ये उक्त सभी भंडारण व्यापारिक क्षेत्र में किए जा रहे तेल भंडारण से अलग हैं – यदि विशेष सामरिक या किसी अन्य कारण से तेल निर्यातक देशो में ही कोई ऐसी घटना घट जावे, जिससे वह आयात न कर पावे – उस स्थिति में ये तेल भंडारण देश के लिए लाइफलाइन का कार्य करेंगे |

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Sources: 1*(as on 2014); 2**(as on 2011); 3*** (as on November 2011); 4****(Currently in various stages of construction)

भारत की तरह पड़ोसी देश चीन ने भी हाल ही में – सामरिक आपात स्थिति में पेट्रो-रिजर्व भंडार का निर्माण किया है , जिनकी कुल क्षमता वर्ष 2004 में 12.4 mmt थी|

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