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हाल ही के एक रिपोर्ट के अनुसार, व्यापार करने के लिए सबसे अच्छा राज्य गुजरात हो सकता है लेकिन सबसे अधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश ( एफडीआई ) महाराष्ट्र प्राप्त करता है। एफडीआई पाने में महाराष्ट्र के बाद राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली ( एनसीआर ), तमिलनाडु (और पांडिचेरी) और कर्नाटक का स्थान है।

एफडीआई पाने एवं सहजता के साथ कारोबार करने के बीच कोई संबंध नहीं दिखाई पड़ता है। उद्हारण के तौर पर, एनसीआर दिल्ली जिसमें नोएडा और गुड़गांव के औद्योगिक क्षेत्र भी शामिल हैं, एफडीआई पाने में दूसरे स्थान पर होने के बावजूद सहजता के साथ व्यापार करने के मामले में 15वें स्थान पर रहा है।

एफडीआई पाने में गुजरात ( 12 मिलियन डॉलर ) पांचवे स्थान पर है। गौरतलब है कि गुजरात ही केवल ऐसा राज्य है जिसका नाम दोनों सूचियों में शामिल है।

प्रत्यक्ष विदेशी निवेश , टॉप पांच राज्य

सहजता के साथ व्यापार करने वाले टॉप पांच राज्य

औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग ( डीआईपीपी) की जून 2015 की रिपोर्ट के अनुसार कुल एफडीआई में दिल्ली –एनसीआर ( उत्तर प्रदेश एवं हरियाणा के कुछ हिस्से शामिल ) की हिस्सेदारी एक-पांचवा भाग ( 20 फीसदी ) रहा है। दिल्ली-एनसीआर के पहले कुल एफडीआई में 29 फीसदी के साथ महाराष्ट्र (केंद्र शासित प्रदेशों जैसे दादरा एवं नगर हवेली तथा दमन एवं दीव सहित) का स्थान दर्ज किया गया है।

सहजता के साथ व्यापार करने के मामाले में महाराष्ट्र का स्थान आठवें नंबर दर्ज किया गया है। हालांकि राज्य, बुनियादी ढांचे से संबंधित उपयोगिताओं के लिए मंजूरी प्राप्त करने और संकल्प विवाद से संबंधित अनुबंध को लागू करने में आगे है।

औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग ( डीआईपीपी) द्वारा व्यापार सुधारों का आकलन राज्य के कार्यान्वयन के अनुसार, ( विश्व बैंक और केपीएमजी द्वारा किए गए एक अध्ययन के आधार पर ) सहजता के साथ व्यापार करने के मामले में गुजरात का नाम पहले स्थान पर दर्ज किया गया है।

सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार आंकलन में 1 जनवरी और 30 जून, 2015 के बीच राज्यों द्वारा कार्यान्वित सुधारों का जायजा लिया गया है एवं डीआईपीपी और राज्य / संघ राज्य क्षेत्र की सरकारों के बीच व्यापार सुधारों के लिए 98 सूत्रीय कार्य योजना पर हुई सहमती पर आधारित है।

राज्यों के आकलन आठ उपायों पर आधारित है: व्यवसाय को स्थापित करना, भूमि का आवंटन एवं निर्माण के ले परमिट प्राप्त करना, पर्यावरण प्रक्रियाओं के साथ पालन करना, श्रम नियमों का पालन करना, बुनियादी ढांचे से संबंधित उपयोगिताओं प्राप्त करना, पंजीयन और कर प्रक्रियाओं के साथ पालन, निरीक्षण करना और अनुबंध को लागू करना।

आंध्र प्रदेश ( 70.12 %) सहजता के साथ व्यापार करने के मामले में दूसरे स्थान पर है। झारखंड ( 63.09 %) तीसरे, छत्तीसगढ़ ( 62.45 %) चौथे और मध्य प्रदेश (62%) पांचवे स्थान पर दर्ज किया गया है। देश में कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मामले में टॉप पांच राज्यों में यह चार राज्य शामिल नहीं हैं।

पिछले पंद्रह वर्षों में महाराष्ट्र ( केंद्र शासित प्रदेशों जैसे दादरा एवं नगर हवेली तथा दमन एवं दीव सहित ) को 75 बिलियन डॉलर का एफडीआई मिला है। दिल्ली ( उत्तर प्रदेश एवं हरियाणा के कुछ हिस्से सहित ) को 53 बिलियन डॉलर एवं तमिलनाडु को 18 बिलियन डॉलर का एफडीआई प्राप्त हुआ है।

आकलन रिपोर्ट में सरकार की रिपोर्ट बाहर लाने के कारण पर भी प्रकाश डाला गया है : विश्व बैंक की डूइंग बिजनेस 2015 की रिपोर्ट में 189 देशों की अर्थव्यवस्थाओं में से भारत 142वें स्थान पर है एवं दक्षिण एशिया में सबसे खराब अर्थव्यवस्था प्रदर्शन करने के मामले में दूसरे स्थान पर है। विश्व आर्थिक मंच के वैश्विक प्रतिस्पर्धा रिपोर्ट के अनुसार 144 से बाहर अर्थव्यवस्थाओं में से भारत का 71वे स्थान पर रखा गया है।

अनियमित भुगतान और रिश्वत के मामले में भारत का स्थान 93वां दर्ज किया गया है जबकि विनियमन के सरकार के बोझ मामले में 59 वें एवं विवादों को निपटाने में कानूनी ढांचे की क्षमता मामले में 57 वां स्थान दर्ज किया गया है।

इसी तरह, भ्रष्टाचार विश्व बैंक के उद्यम सर्वेक्षण के अनुसार भारत में व्यापार करने में सबसे बड़ा बाधक भ्रष्टाचार बताया गया है। बिजली, भूमि एवं वित्त तक पहुंच भ्रष्टाचार के बाद होने वाले दूसरे अन्य बाधक हैं।

( मल्लापुर इंडियास्पेंड के साथ नीति विश्लेषक है। )

यह लेख मूलत: 17 सितंबर 2015 को अंग्रेज़ी में indiaspend.com पर प्रकाशित हुआ है।

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