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16 मई, 2016 को पुडुचेरी विधानसभा चुनाव के दौरान एक मतदान केंद्र पर अपना वोट डालने के बाद एक मतदाता।

पांच राज्यों (असम , केरल , पुडुचेरी , तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल) में नव निर्वाचित विधायकों में से कम से कम 428 (53 फीसदी) करोड़पति हैं। यह आंकड़े एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर), नई दिल्ली स्थित थिंक टैंक, द्वारा किए गए एक विश्लेषण में सामने आए हैं। एडीआर ने 812 विधायकों के हलफनामों का विश्लेषण किया है।

1.2 मिलियन (या 0.12 करोड़) लोगों की आबादी वाले राज्य, पुडुचेरी में करोड़पति विधायकों का अनुपात सबसे अधिक है – विश्लेषण किए गए 30 में से 25 या 83 फीसदी करोड़पति हैं। तमिलनाडु के लिए यही आंकड़े 76 फीसदी (223 में से 170), असम के लिए 57 फीसदी (126 में से 72), केरल के लिए 44 फीसदी (140 में से 61) एवं पश्चिम बंगाल के लिए 34 फीसदी (293 में से 100) हैं।

राज्य अनुसार करोड़पति विधायक

Source:Association for Democratic Reforms

पांच राज्यों में से तमिलनाडु राज्य की छठी बार मुख्यमंत्री बनी जयललिता सबसे अधिक अमीर मुख्यमंत्री हैं। जयललिता के पास 113 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति है।

ममता बनर्जी के पास, जो 27 मई 2016 को दूसरे कार्यकाल के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के रुप में शपथ ग्रहण करेंगी, 30 लाख रुपए की संपत्ति है। यह नए मुख्यमंत्रियों के बीच सबसे कम है।

तमिलनाडु के नंगुनेरी विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक वसंतकुमार एच, पांच राज्यों में से सबसे अधिक अमीर विधायक हैं। वसंतकुमार के पास 337 करोड़ रुपए मूल्य से अधिक की संपत्ति है।

संपत्ति के मामले में वसंतकुमार के बाद तमिलनाडु से द्रविड़ मुनेत्र कषगम के मोहन एम के का नाम है। मोहन एम के के पास 170 करोड़ रुपए की संपत्ति है। पुडुचेरी के अशोक आनंद का नाम भी अधिक अमीर विधायकों में से है। अशोक आनंद के पास 124 करोड़ रुपए की संपत्ति है।

5 राज्यों में टॉप तीन करोड़पति विधायक

Source:Association for Democratic Reforms

13.45 करोड़ रुपए की औसत संपत्ति के साथ पुडुचेरी के विधायक सबसे अधिक अमीर हैं। इसके बाद तमिलनाडु (8.21 करोड़ रुपए), केरल (2.82 करोड़ रुपए), असम (2.45 करोड़ रुपए) और पश्चिम बंगाल (1.46 करोड़ रुपए) का स्थान है।

पांच राज्यों के 812 विधायकों में से, जिनके हलफनामों का विश्लेषण किया गया है,186 विधायकों (23 फीसदी) ने कभी आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है।

केरल में ऐसे विधायकों की संख्या सबसे अधिक है (60 फीसदी या जांच किए गए 140 में से 84) जिन्होंने कभी इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरा है। पश्चिम बंगाल में ऐसे विधायकों की संख्या 20 फीसदी (विश्लेषण किए गए 293 में से 58), तमिलनाडु में 14 फीसदी (विश्लेषण किए गए 223 में से 32), पुडुचेरी में 10 फीसदी (जांच किए गए 30 में से 3) और असम में 7 फीसदी (जांच किए गए 126 में से 9) है।

राज्य अनुसार विधायक जिन्होंने नहीं भरा इनकम टैक्स रिटर्न

Source:Association for Democratic Reforms

कम से कम 49 विधायकों ने पैन संख्या जमा नहीं किया है। इस संबंध में विधायकों की सबसे अधिक संख्या केरल (34) से है जबकि पश्चिम बंगाल से 8, तमिलनाडु से 6 और असम से ऐसे 1 विधायक हैं।

(मल्लापुर इंडियास्पेंड के साथ विश्लेषक हैं)

यह लेख मूलत: अंग्रेंज़ी में 23 मई 2016 को indiaspend.com पर प्रकाशित हुआ है।

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