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भारतीय सरकार ने ब्रिटेन सरकार से शराब व्यापारी विजय माल्या की हिरासत की मांग की है। लेकिन पिछले 15 वर्षों में लेकिन प्रत्यर्पण पर भारत की सफलता दर 36 फीसदी से ज्यादा नहीं है। यह जानकारी एक डाटा पत्रकारिता पोर्टल Factly.in की रिपोर्ट में सामने आई है। इसका मतलब यह है कि तीन में से एक प्रत्यर्पण कराने में भारत सफल हो पाया है।

6 दिसंबर, 2016 को लोकसभा में दिए गए एक उत्तर के अनुसार, वर्ष 2002 से 2016 के बीच विदेश भाग चुके 62 भगोड़ों को भारत में प्रत्यार्पित किया गया है। जबकि 110 भगोड़े अभी तक विदेशों में हैं। पोर्टल Factly.in की रिपोर्ट के मुताबिक भारत की ओर से एक औपचारिक अनुरोध जरूर किया गया है।

कारोबारी माल्या को भारत सरकार द्वारा दायर एक प्रत्यर्पण अनुरोध पर 8 अप्रैल, 2017 को स्कॉटलैंड यार्ड द्वारा गिरफ्तार (और फिर जमानत पर रिहा किया गया) किया गया था। ब्रिटेन सरकार ने संबंधित अदालत को अनुरोध भेजा है । माल्या की गिरफ्तारी को प्रत्यर्पण प्रक्रिया की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है।

भारत में आर्थिक अपराधों के कई मामलों में माल्या वांछित हैं। उनकी निष्क्रीय कंपनी ‘किंगफिशर एयरलाइंस’ पर राज्य के स्वामित्व और निजी बैंकों का 9000 करोड़ रुपए से अधिक का बकाया है। इस बारे में इंडियन एक्सप्रेस ने 18 अप्रैल, 2017 की रिपोर्ट में बताया है।.

लोकसभा में एक उत्तर के अनुसार, जुलाई 2016 तक ब्रिटेन के साथ 16 प्रत्यार्पण अनुरोध लंबित थे। ब्रिटेन से केवल एक भगोड़ा प्रत्यार्पित किया गया है। हत्या के लिए वांछित एक भारतीय नागरिक समीरभाई विनूभाई पटेल को ब्रिटेन से भारत लाया गया था। पटेल को वर्ष 1993 में ब्रिटेन के साथ भारत के प्रत्यर्पण संधि के लागू होने के 23 साल बाद, अक्टूबर 2016 में देश लाया गया था। कारोबारी विजय माल्या को ब्रिटेन से भारत लाने में सरकार को सफलता मिली तो ब्रिटेन से प्रत्यर्पित किए गए वो दूसरे भारतीय होंगे

देश अनुसार 2002 के बाद से भारत में प्रत्यार्पित भगोड़े

Source: Ministry of External Affairs; As of December 7, 2016

सबसे अधिक प्रत्यर्पण यूएई से हुआ है। करीब 18 भगोड़े यूएई से भारत लाए गए हैं। इस संबंध में 9 के आंकड़ों के साथ यूएसए दूसरे स्थान पर है। जबकि कनाडा और थाईलैंड से चार और जर्मनी और दक्षिण अफ्रीका से तीन भगोड़े प्रत्यर्पित किए गए हैं।

भारत का 47 देशों के साथ प्रत्यर्पण संधि

भारत ने अब तक 47 देशों के साथ प्रत्यर्पण संधि पर हस्ताक्षर किए हैं।

भारत के साथ प्रत्यर्पण संधी वाले देश
AfghanistanCanadaKuwaitPortugalTurkey
AustraliaChileMalaysiaRepublic of KoreaUAE
AzerbaijanEgyptMauritiusRussiaUK
BahrainFranceMexicoSaudi ArabiaUkraine
BangladeshGermanyMongoliaSouth AfricaUSA
BelarusHong KongNepalSpainUzbekistan
BelgiumIndonesiaNetherlandsSwitzerlandVietnam
BhutanIranOmanTajikistan
BrazilIsraelPhilippinesThailand
BulgariaKazakhstanPolandTunisia

Source: Ministry of External Affairs

भारत का नौ अन्य देशों के साथ प्रत्यर्पण व्यवस्था भी है। ये देश हैं क्रोएशिया, फिजी, इटली, पापुआ न्यू गिनी, पेरू, श्रीलंका, सिंगापुर, स्वीडन और तंजानिया।

क्या है प्रत्यर्पण की प्रक्रिया?

एक भगोड़े के खिलाफ जिन पर औपचारिक रूप से आरोप लगाया गया है, उनके लिए प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध किया जा सकता है। भारत में कानून प्रवर्तन एजेंसियों से प्रत्यर्पण के लिए अनुरोध प्राप्त होने पर विदेश मंत्रालय संबंधित विदेशी देशों के साथ प्रत्यर्पण अनुरोध कर सकता है।

सभी प्रत्यर्पण अनुरोधों को दस्तावेजों और सूचना द्वारा समर्थित किया जाना चाहिए, जैसा कि विदेश मंत्रालय के दिशा-निर्देशों में निर्धारित किया गया है।यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि प्रत्येक प्रत्यर्पण अनुरोध अलग है और यह अनुरोध किसी देश के साथ हस्ताक्षरित विशिष्ट संधि / समझौते पर निर्भर करता है। संबंधित व्यक्ति के अपराध को प्रत्यर्पण अपराधों की सूची में भी परिभाषित किया जाना चाहिए।

प्रत्यर्पण की प्रक्रिया

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Source: Ministry of External Affairs

ब्रिटेन के साथ प्रत्यर्पण संधि में परिभाषित अपराध क्या हैं?

ब्रिटेन के साथ वर्ष 1993 में हस्ताक्षर किए गए प्रत्यर्पण संधि में प्रत्यर्पण अपराध के दायरे को परिभाषित किया गया है। संधि में राजनीतिक अपराधों को प्रत्यर्पण अपराधों के रूप में वर्गीकृत नहीं किया गया है, लेकिन यह उन अपराधों की एक विस्तृत सूची प्रदान करता है, जिन्हें एक राजनीतिक अपराध के रूप में नहीं माना जा सकता।

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Source: India's extradition treaty with UK

अधिकांश भगोड़े 2005 में प्रत्यर्पित

वर्ष 2005 में सबसे अधिक, 8 भगोड़ों का प्रत्यर्पित किया गया था। वर्ष 2003 और 2004 में 7 भगोड़े देश लाए गए थे। मौजूदा सरकार के शासन के दौरान 6 भगोड़ों को 2015 में प्रत्यर्पित किया गया था।

वर्ष के अनुसार 2002 के बाद से भारत में प्रत्यार्पित भगोड़े

Source: Ministry of External Affairs; As of December 7, 2016

अधिकांश हत्या और आतंकवाद संबंधी अपराधों के लिए प्रत्यार्पित

वर्ष 2002 के बाद से प्रत्यार्पित होने वाले 62 भगोड़ों में से 14 को हत्या से संबंधित अपराधों के लिए देश लाया गया था, जबकि 10 पर आपराधिक साजिश के आरोप थे। आतंकवाद से जुड़े अपराधों के लिए कम से कम 9 भगोड़ों के प्रत्यर्पण किए गए थे। इनमें वर्ष1993 में मुंबई में हुए बम धमाकों से जुड़े संयुक्त अरब अमीरात से तीन आरोपी देश लाए गए थे।

अपराध अनुसार 2002 के बाद से भारत में प्रत्यर्पित भगोड़ा

Source: Ministry of External Affairs; As of December 7, 2016

(एक दशक से सूचना के अधिकार से संबंधित मुद्दों के अलावा दुब्बदु डाटा, सूचना एवं नीतिगत मुद्दों पर लगातार काम कर रहे हैं। Factly.in आंकड़ों पर आधारित एव वेब पोर्टल है।)

यह लेख मूलत: अंग्रेजी में 25 अप्रैल 2017 को indiaspend.com पर प्रकाशित हुआ है।

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