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मुंबई: यौन हिंसा, सांस्कृतिक और पारंपरिक प्रथाओं से उत्पीड़न और मानव तस्करी में भारत का सबसे खराब रिकॉर्ड माना जा रहा है। इसका अर्थ है कि भारत को अब महिलाओं के लिए दुनिया में कम सुरक्षित देश माना जाने लगा है।

ये ‘थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन’, द्वारा किए गए वैश्विक धारणा सर्वेक्षण के निष्कर्ष हैं। इस सर्वेक्षण में महिलाओं के लिए समग्र सुरक्षा पर राष्ट्रों का आकलन करने के लिए महिलाओं के मुद्दों पर 558 विशेषज्ञों को शामिल किया गया है।

परिस्थितियों में सुधार करने में विफलता ने देश को महिलाओं के लिए सबसे खतरनाक देश बना दिया है। इम मुद्दों पर देश वर्ष 2011 में चौथे स्थान पर था, जब आखिरी बार मतदान आयोजित किया गया था।

महिलाओं की सुरक्षा के लिए खतरों की समग्र धारणा पर भारत, युद्ध से पीड़ित अफगानिस्तान (दूसरे नंबर पर ), सीरिया (तीसरे नंबर) के साथ-साथ सोमालिया, जो मानव विकास सूचकांक पर काफी नीचे है, उनसे ऊपर है।

मतदान में देखे गए छह श्रेणियों में से प्रत्येक के लिए शीर्ष पांच रैंकिंग में आने वाला भारत एकमात्र ऐसा देश है।

‘थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन’ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोनिक विला ने इंडियास्पेंड को बताया, " वैश्विक स्तर पर 20 फीसदी की तुलना में भारत में केवल 10 फीसदी महिलाएं जमीन का स्वामित्व करती हैं, दुनिया में महिला मृत्यु की दर सबसे अधिक है, भारतीय आबादी में महिलाओं की तुलना में 37 मिलियन अधिक पुरुष हैं, और 18 साल की उम्र से पहले 27 फीसदी लड़कियां विवाहित हैं, जो दुनिया में सबसे ज्यादा दर है, ऐसे में आप भारत में महिलाओं की वास्तविक स्थिति को समझ सकते हैं। "

विला कहती हैं, "भारत अभी भी गहरी जड़ वाली पितृसत्तात्मक मानसिकता से लड़ रहा है, जो महिलाओं को दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में नीचे देखता है।"

महिलाओं के लिए सबसे खतरनाक देश, 2018 और 2011

Most Dangerous Countries For Women, 2018 & 2011
Rank20182011
1IndiaAfghanistan
2AfghanistanDemocratic Republic of Congo
3SyriaPakistan
4SomaliaIndia
5Saudi ArabiaSomalia

Source: 2018 Poll, Thomson Reuters Foundation and 2011 Poll, Thomson Reuters Foundation

भारत में महिलाओं और नाबालिगों के खिलाफ यौन हिंसा के मामलों ने 2018 में अंतरराष्ट्रीय सुर्खियां बटोरी हैं। इनमें जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में आठ वर्षीय असिफा का मामला और झारखंड में तस्करी विरोधी कार्यकर्ताओं के साथ सामुहिक बलात्कार का मामला शामिल है।

सरकार ने बलात्कारियों और बाल बलात्कारियों के लिए कठोर दंड के रुप में मौत की सजा के लिए प्रयास किया है, लेकिन वास्तव में, यह बलात्कार की सूचना देने में बाधा डाल सकता है, जैसा कि इंडियास्पेंड ने मई 2018 की रिपोर्ट में बताया है।

बिगड़ती स्थिति

26 जून, 2018 को जारी ‘थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन’ की रिपोर्ट कहती है, " महिलाओं के खिलाफ हिंसा के स्तर में भारत सूची में सबसे ऊपर है। दिल्ली में बस में एक छात्रा के बलात्कार और उसकी हत्या के बाद उपजे राष्ट्रीय आक्रोश के पांच साल बाद सरकार ने इस मुद्दे से निपटने में तत्परता दिखाई। "

जब 2011 में मतदान आयोजित किया गया था, भारत केवल अफगानिस्तान, कांगो और पाकिस्तान से बेहतर चौथे स्थान पर था। इस रैंकिंग में मुख्य रूप से महिला भ्रूणहत्या और शिशुओं और मानव तस्करी के उच्च मामले जिम्मेदार थे।

सात साल बाद, 2018 के सर्वेक्षण से पता चलता है कि भारत को तीन महत्वपूर्ण मुद्दों पर महिलाओं के लिए सबसे खतरनाक देश माना गया है:

    • यौन हिंसा: घरेलू बलात्कार, बलात्कार के मामलों में न्याय तक पहुंच की कमी, यौन उत्पीड़न और भ्रष्टाचार के रूप में सेक्स के लिए मजबूर होना;

    • सांस्कृतिक और धार्मिक प्रथा: मादा जननांग विघटन, बाल और जबरन विवाह, शारीरिक दुर्व्यवहार और महिला भ्रूण हत्या, और

    • मानव तस्करी: घरेलू दासता, जबरन श्रम और जबरन विवाह आदि ।

श्रेणी अनुसार जिन देशों ने सबसे खराब प्रदर्शन किया

Countries That Performed The Worst, By Category
RankHealthDiscriminationCultural TraditionsSexual ViolenceNon-Sexual ViolenceHuman Trafficking
1AfghanistanAfghanistanIndiaIndiaAfghanistanIndia
2SyriaSaudiAfghanistanDemocratic Republic of the CongoSyriaLibya
3SomaliaIndiaSomaliaUSAIndiaMyanmar
4IndiaPakistanPakistanSyria*YemenNigeria
5Yemen*SomaliaSaudi ArabiaCongoPakistanRussia*

Source: Thomson Reuters Foundation

Note: *Yemen had the fourth worst performance along with India on health, Syria had the third worst performance along with USA on combating sexual violence, and Russia had the fourth worst performance along with Nigeria on combating human trafficking.

वर्ष 2016 में हर घंटे महिलाओं के खिलाफ कम से कम 39 अपराधों की सूचना मिली थी, यह आंकड़े 2007 में 21 थे, जैसा कि इंडियास्पेंड 12 दिसंबर, 2017 की रिपोर्ट में बताया है।

सरकार महिलाओं के खिलाफ भेदभाव वाले कानूनों को हल करने में विफल रही है। जिसमें वैवाहिक बलात्कार को अपराध मानना और खाप पंचायतों को अवैध करार देना शामिल है।

महिलाओं की सुरक्षा में सुधार के लिए आवश्यक उपायों के बारे में पूछने पर विला कहती हैं, " द थ्री ईएस: लैंगिक समानता पर लड़कों को शिक्षित करना, लड़कियों को आर्थिक और सामाजिक रूप, दोनों से सशक्त बनाना, और ऐसे उन कानूनों को लागू करना जो मौजूद हैं लेकिन लागू नहीं किया गया है। "

(संघेरा किंग्स कॉलेज लंदन से स्नातक हैं औऱ इंडियास्पेंड में इंटर्न हैं।)

यह लेख मूलत: अंग्रेजी में 26 जून, 2018 को indiaspend.com पर प्रकाशित हुआ है।

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