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आज की तारीख में प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी, चुनाव जीतने से पहले की तुलना में ज्यादा लोकप्रिय हैं। यह जानकारी वॉशिंगटन डीसी स्थित मतदान सर्वेक्षक मंच ‘प्यू रिसर्च सेंटर’ द्वारा किए गए 2,464 लोगों के एक सर्वेक्षण में सामने आई है। यह सर्वेक्षण 21 फरवरी से 10 मार्च, 2017 के बीच, नोटबंदी के बाद और ‘गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स’ (जीएसटी) लगाने से पहले किया गया था।

मोदी की छवि अच्छी है, यह मानने वाले लोगों की हिस्सेदारी में 10 प्रतिशत अंक की वृद्धि देखी गई है। यह आंकड़े वर्ष 2013 में 78 फीसदी थे, जो बढ़ कर वर्ष 2017 में 88 फीसदी हुआ है। देश भर में उनकी स्वीकृति रेटिंग उच्च है। दक्षिण के हिस्से में सबसे अधिक है, लगभग 95 फीसदी। जबकि वहां जिन चार राज्यों तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और कर्नाटक में सर्वेक्षण हुए, वहां मोदी की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सत्ता में नहीं हैं। उत्तर में उनकी लोकप्रियता थोड़ी कम देखी गई, लगभग 84 फीसदी। जबकि उत्तर भारत में सर्वेक्षण किए गए छह राज्यों (पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश,मध्य प्रदेश और राजस्थान) में से चार राज्यों में बीजेपी सत्ता में है।

मोदी, अपने प्रतिद्वंद्वियों से आगे बढ़कर देश में सबसे लोकप्रिय राष्ट्रीय राजनीतिक नेता रहे हैं। प्यू के नमूने में 88 फीसदी उत्तरदाताओं ने मोदी को लोकप्रिय नेता के रुप में देखा है, जबकि राहुल गांधी के लिए यह आंकड़े 58 फीसदी, सोनिया गांधी के लिए यह आंकड़े 57 फीसदी और अरविंद केजरवाल के लिए यह 39 फीसदी रहे हैं।

मई 2017 में, 19 राज्यों में फैले 146 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में 584 स्थानों पर 11,373 लोगों के सर्वेक्षण के दौरान 44 फीसदी भारतीयों ने कहा कि वे मोदी को प्रधानमंत्री के रुप में चाहते हैं। यह सर्वेक्षण नई दिल्ली स्थित राजनीतिक अनुसंधान संगठन ‘सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसाइटीज’ (सीएसडीएस) द्वारा की गई थी।

राष्ट्रीय जनता दल और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ गठबंधन तोड़ने के चार दिन बाद, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि 2019 के आम चुनावों में मोदी को चुनौती देने वाले कोई नहीं है, जैसा कि 1 अगस्त 2017 को इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है।

आज भारतीयों का एक बड़ा हिस्सा यह भी मानते हैं कि देश समृद्ध है और सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। इन दो प्रश्नों के संबंध के आंकड़ों में 26 प्रतिशत अंकों की वृद्धि देखी गई है। वर्ष 2013 में 57 फीसदी से बढ़ कर यह 2017 में 83 फीसदी हुआ और 41 प्रतिशत अंक की वृद्धि के साथ 29 फीसदी से बढ़ कर 70 फीसदी हुआ है

सीएसडीएस सर्वेक्षण में मोदी द्वारा अच्छे दिन का वादा पूरा करने वालो के आंकड़े 63 फीसदी रही है।

हमने निष्कर्षों पर ट्वीट्स की है:

(विवेक विश्लेषक हैं और इंडियास्पेंड के साथ जुड़े हैं।)

यह लेख मूलत: अंग्रेजी में 16 नवंबर 2017 को indiaspend.com पर प्रकाशित हुआ है।

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