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हाल ही में प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए बयान कि केरल के आदिवासी इलाकों की तुलना में सोमालिया में शिशु मृत्यु अनुपात कम है – जो कि गलत है जैसा कि Factchecker ने अपनी खास रिपोर्ट में बताया है - की देश भर में भारी आलोचना हुई है।

लेकिन "छिपी नस्लवाद" के ओर ध्यान आकर्षित करने के साथ - अफ्रीका में छोटा देश मानते हुए की गई तुलना – जिसने तुलना और आलोचना दोनों में भाग लिया है, समग्र दृष्टिकोण है कि 13 अफ्रीकी देशों में शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) भारत से बेहतर है। यह विश्व बैंक के आंकड़ों में सामने आया है।

13 देशों में से पांच - लीबिया, ट्यूनीशिया, मोरक्को, मिस्र और अल्जीरिया - अपेक्षाकृत समृद्ध अरब उत्तरी अफ्रीका से हैं लेकिन मध्य और दक्षिणी अफ्रीका में कई देश हैं जो भारत की तुलना में कम समृद्ध हैं लेकिन भारत से बेहतर शिशु मृत्यु दर है (1,000 बच्चों के जन्म के प्रति लोगों की मृत्यु)।

भारत से बेहतर शिशु मृत्यु दर वाले अफ्रीकी देश

Source: World Bank, SRS Bulletin

युद्ध से तबाह हुआ लीबिया, 12 के आंकड़े के साथ अफ्रीका का सबसे कम आईएमआर वाला देश है। यह आंकड़ा केरल के बराबर है। लीबिया के बाद ट्यूनीशिया (13) का स्थान है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार भारत में, गोवा एवं मणिपुर का आईएमआर (10) सर्वश्रेठ है। 56 के आंकड़े के साथ मध्य प्रदेश का आईएमआर सबसे बद्तर है।

शिशु जन्म के संबंध में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा शासित राज्यों का प्रदर्शन अफ्रीका के सुरक्षित देशों से बद्तर है। उदाहरण के लिए, गुजरात का आईएमआर 38 और राजस्थान का 49 है।

उच्च शिशु मृत्यु दर और कम शिशु मृत्यु दर वाले राज्य

Source: SRS Bulletin

38 के आईएमआर के साथ मेडागास्कर और केन्या के आंकड़े (42) भारत के करीब – बेहतर – है। विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार भारत की तुलना में दोनों देशो की प्रति व्यक्ति आय कम है। युगांडा, मोटे तौर पर भारत की तुलना में प्रति व्यक्ति आय आधा होने के साथ, केवल अफ्रीकी देश है जिसका आईएमआर, 42, भारत के बराबर है। यह आंकड़े अक्सर बताए बिंदु पर ज़ोर देती है कि भारत का स्वास्थ्य और मानव - विकास का रिकॉर्ड अपने आर्थिक विकास से पीछे है।

अफ्रीका के कुछ देश ऐसे हैं जिनका आईएमआर विश्व में सबसे बेहतर है, जैसे कि अंगोला जहां प्रति 1,000 जन्म पर 101 बच्चों की मृत्यु होती है। सोमालिया का आईएमआर 85 है।

(सालवे इंडियास्पेंड के साथ विश्लेषक हैं।)

यह लेख मूलत: अंग्रेज़ी में 14 मई 2016 को indiaspend.com पर प्रकाशित हुआ है।

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