DPT620

पिछले तीन वर्षों के दौरान,उड़ानों से पहले मेडिकल परीक्षाओं में इंडियन एयरलाइंस के 122 पायलटों को नशा करते पाया गया है। यह आंकड़े 21 जुलाई, 2016 को लोकसभा में पेश हुए हैं।

मुंबई हवाई अड्डे पर सबसे अधिक नशे में धुत्त पायलटों की संख्या,34, दर्ज की गई है। इस संबंध में, दिल्ली के लिए यह आंकड़े 31, कोलकाता के लिए 18, चेन्नई के लिए 10 और बैंगलोर के लिए 9 दर्ज किए गए हैं।

16 हवाई अड्डों की सूची जहां भारतीय पायलटों को परीक्षण किया गया उनमें चार विदेशी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे शामिल हैं - बैंकॉक, प्राग , इस्तांबुल और शारजाह।

नशे में धुत्त भारतीय पायलटों की रिपोर्ट करने वाले टॉप 5 हवाई अड्डे

Source: Lok Sabha; 2016 figures as on June 30, 2016.

2016 की पहली छमाही में 23 नशे में धुत्त पायलटों की रिपोर्ट की गई है; 2015 में नशे में चूर पायलटों की संख्या सबसे अधिक, 43, दर्ज की गई है। इस संबंध में 2013 में यह आंकड़े 30 और 2014 में 26 दर्ज की गई है।

मई 5, 2016 को एक जवाब में लोकसभा को बताया गया कि 112 पायलट शराब के लिए परिक्षण में पॉज़िटिव पाए गए हैं। यह आंकड़े इन एयरलाइन द्वारा रिपोर्ट किए गए हैं: जेट एयरवेज में सर्वाधिक मामले पाए गए हैं, 112 में से 33, जबकि इंडिगो में 25, स्पाइस जेट में 20, और एयर इंडिया के 19 मामले सामने आए हैं।

सबसे अधिक नशे में धुत्त पायलटों वाले एयरलाइंस

Source: Lok Sabha; 2016 figures as on April 4, 2016.

नागरिक उड्डयन मंत्री राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने इस महीने के लोकसभा को बताया कि 6 जून 2014 से पहले, पायलटों को पहले उल्लंघन के लिए तीन महीने के लिए निलंबित कर दिया गया और दूसरी बार उल्लंघन के लिए पांच साल तक निलंबित किया है। दूसरी बार उल्लंघन के लिए यह सज़ा अब पांच साल से घटा कर तीन साल कर दी गई है।

122 निलंबित पायलटों में से कम से कम 110 ने पहली बार यह उल्लंघन किया था।

(मल्लापुर इंडियास्पेंड के साथ विश्लेषक हैं।

यह लेख मूलत: अंग्रेज़ी में 28 जुलाई 2016 को indiaspend.com पर प्रकाशित हुआ है।

हम फीडबैक का स्वागत करते हैं। हमसे respond@indiaspend.org पर संपर्क किया जा सकता है। हम भाषा और व्याकरण के लिए प्रतिक्रियाओं को संपादित करने का अधिकार रखते हैं।

__________________________________________________________________

"क्या आपको यह लेख पसंद आया ?" Indiaspend.com एक गैर लाभकारी संस्था है, और हम अपने इस जनहित पत्रकारिता प्रयासों की सफलता के लिए आप जैसे पाठकों पर निर्भर करते हैं। कृपया अपना अनुदान दें :