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मुंबई: ‘एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स एंड नेशनल इलेक्शन वॉच’ द्वारा जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, कम से कम 58 सांसदों और विधायकों ने घोषणा की है कि उनके खिलाफ घृणित भाषण की शिकायतें दर्ज हैं।

पिछले चुनाव से पहले चुनावी उम्मीदवारों द्वारा प्रस्तुत आत्म-शपथ शपथ पत्रों के विश्लेषण के आधार पर रिपोर्ट में पाया गया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों और विधायकों के खिलाफ सबसे ज्यादा घृणित भाषण के मामले दर्ज हैं। इसके बाद छह-छह की संख्या के साथ अखिल भारतीय मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) और तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के सांसदों और विधायकों के खिलाफ मामले दर्ज हैं।

राजनीतिक पार्टी के अनुसार घृणित भाषण से संबंधित घोषित मामलों के साथ सासंद/विधायक

सांसदों / विधायकों की अधिकतम संख्या, जिनके खिलाफ घृणित भाषण के दायर किए गए मामले हैं, वे उत्तर प्रदेश (15), तेलंगाना (13), कर्नाटक और महाराष्ट्र (पांच-पांच ) से हैं।

राज्य के अनुसार घृणित भाषण से संबंधित घोषित मामलों के साथ सांसद/विधायक

लोकसभा में कम से कम 15 मौजूदा सांसदों ने अपने खिलाफ घृणित भाषण के मामलों की घोषणा की है।दस भाजपा से, और अखिल भारतीय यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ), टीआरएस, एआईएमआईएम, पट्टाली मक्कल काची और शिवसेना से एक-एक।

रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्यसभा के किसी भी सांसद ने खुद के खिलाफ मामले की घोषणा नहीं की है।

राज्य विधानसभा के मौजूदा सदस्यों में से 43 ने खुद के खिलाफ मामला घोषित किया है, जिनमें से 17 भाजपा से हैं। टीआरएस और एआईएमआईएम से पांच-पांच हैं, तेलुगू देशम पार्टी से तीन, इंडियन नेशनल कांग्रेस, अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस, जनता दल (यूनाइटेड) और शिवसेना प्रत्येक से दो, द्रविड़ मुनेत्र कझागम, बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी, प्रत्येक से एक और एक स्वतंत्र विधायक के खिलाफ मामला है।

राजनीतिक दलों के दो नेताओं ( एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी और एआईयूडीएफ के बदरुद्दीन अजमल ) ने मामलों की घोषणा की है।

पेयजल और स्वच्छता को लेकर केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने उनके खिलाफ घृणास्पद भाषण से संबंधित मामलों की शिकायत की है।

घृणित भाषण से संबंधित घोषित मामलों के साथ 198 उम्मीदवारों ने पिछले पांच वर्षों में संसद या राज्य विधानसभा के लिए चुनाव लड़ा है।

यह लेख मूलत: 25 अप्रैल, 2018 को indiaspend.com पर प्रकाशित हुआ है।

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