21 जुलाई, 2017 को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे. पी. नड्डा द्वारा लोकसभा को दिए गए इस उत्तर के अनुसार, जुलाई 2017 तक देश भर में इनफ्लूएंजा ए ( H1 N1) के13,188 मामले सामने आए हैं। वायरस के कारण 632 लोगों की जान चली गई है। हम बता दें कि वर्ष 2016 में इनफ्लूएंजा ए ( H1 N1) के मामलों में आंकड़ा 1,786 और वायरस के कारण होने वाली मौत का आंकड़ा 265 रहा है।

इस साल, इस बीमारी से सबसे ज्यादा प्रभावित दक्षिणी और पश्चिमी राज्य हुए हैं। तमिलनाडु के लोग इस बीमारी से सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। तमिलनाडु के लिए ये आंकड़े 2,904 रहे हैं। वहीं महाराष्ट्र के लिए 2,738, कर्नाटक के लिए 2,480, तेलंगाना के लिए 1,450 और केरल के लिए 1,169 रहे हैं।

इन्फ्लूएंजा ए (H1 N1)

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Source: Lok Sabha

इस बीमारी से होने वाली मौतों की सबसे ज्यादा संख्या महाराष्ट्र में दर्ज की गई है। महाराष्ट्र में ये आंकड़े 303 हैं।

H1N1 एक श्वसन संबंधी विकार है, जो मौसमी फ्लू के समान है । इसके लक्षणों में बुखार, ठंड लगना, गले में खराश, सिरदर्द, खाँसी और शरीर में दर्द होना शामिल है।

यह निमोनिया और फेफड़ों के संक्रमण जैसे जटिलताओं का कारण बन सकता है । बुजुर्गों, बच्चों और मधुमेह से ग्रसित लोगों में यह बीमारी होने की संभावना ज्यादा होती है। संक्रमित व्यक्ति के छींकने और सार्वजनिक जगहों पर खांसने से इसका वायरस फैलता है और लोग बड़ी तेजी से संक्रमित होते हैं।

भारत में वर्ष 2015 में H1N1 इन्फ्लूएंजा का सबसे बड़ा प्रकोप हुआ था, जब 42,000 से अधिक लोग संक्रमित हो गए थे और करीब 3,000 लोगों की मौत हो गई थी।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने अपने जवाब में कहा कि नमूने का परीक्षण किए जाने वाले प्रयोगशालाओं की नैदानिक ​​क्षमता बढ़ाने के अलावा केरल, गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तेलंगाना की सहायता के लिए केन्द्रीय टीमों को तैनात किया गया था, जहां बड़ी संख्या में H1N1 की पुष्टि हुई थी।

इन्फ्लुएंजा के उपचार के लिए एक लोकप्रिय दवा ‘ओसेलमाइवीर’ अब सभी लाइसेंस प्राप्त दवाखाने द्वारा डॉक्टर की पर्ची के आधार पर बेची जा सकती है। पहले इसे बेचने का अधिकार निश्चित फार्मेसियों के पास था।

(यदवार प्रमुख संवाददाता हैं और इंडियास्पेंड से जुड़ी हैं।)

यह लेख मूलत: अंग्रेजी में 24 जुलाई 2017 को indiaspend.com पर प्रकाशित हुआ है।

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